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Braj 84 kos (ब्रज चौरासी कोस यात्रा ) - Brij Parikrama (बृज परिक्रमा)

ब्रज चौरासी कोस यात्रा अलग-अलग सम्प्रदायों द्वारा प्रति वर्ष आयोजित की जाती है जिसमें अनेकों श्रद्धालु देश और विदेश से सम्मिलित होकर चौरासी कोस की परिक्रमा करते हैं।  श्री कृष्ण ने जहाँ जहाँ भी अपनी लीलाएं ब्रज में की वे सभी लीला स्थलियाँ इस यात्रा में समाहित हैं जिनके दर्शन परिक्रमार्थी और भक्तगण इस दौरान करते हैं।                 बृज चौरासी कोस ( बृज परिक्रमा ): एक आध्यात्मिक यात्रा बृज चौरासी कोस एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक परिक्रमा है , जो भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा जिले में स्थित बृजभूमि के प्रमुख तीर्थ स्थलों को जोड़ती है। यह परिक्रमा 82 किमी के  क्षेत्र  में फैली हुई है और इसमें कुल 84 स्थान आते हैं , जहाँ भगवान श्री कृष्ण और उनके सखाओं ने विभिन्न लीलाएँ की थीं। इस परिक्रमा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत ही गहरा है। बृज चौरासी कोस का महत्व बृज चौरासी कोस का महत्व हिंदू धर्म में अत्यधिक है। इसे भगवान श्री कृष्ण की " लीलाओं " और " दर्शन " के स्थल के रूप में पूजा जाता है। यह परिक्रमा उन स्थानों...

Brij Chaurasi Kos (ब्रज चौरासी कोस )

  श्री कृष्ण की लीला स्थली जहाँ कण कण में कृष्ण ही विद्यमान हैं ब्रज भूमि कहलाती है। ब्रज रस का आस्वादन , मन को प्रफुल्लित और मोहित कर देने वाली ये लीलाएं केवल उन्हीं को प्राप्त होती हैं जो इनका पान करने को आल्हादित रहते हैं। श्री कृष्ण को ब्रजवासियों से और ब्रजवासियों को  कृष्ण से घनिष्ट प्रेम और सहज लगाव रहा है जो यहाँ के कण कण में दिखाई देता है ।                                                द्वापर युग के अंत में श्री कृष्ण की लीला ब्रज मंडल में प्रत्यक्ष रूप से हुयी थीं।  श्री गिरिराज पर्वत , श्री यमुना जी और यहाँ की ब्रज रज जिसकी ब्रह्म ज्ञानी श्री उद्धव जी ने रो -रोकर याचना की, ये इसके प्रमाण स्वरुप उसी रूप में आज भी विद्यमान हैं । ये लीलाएं आज भी यहाँ हो रही हैं ऐसा वर्णन पुराणों के साथ साथ अनेकों दिव्य तपस्वी संतों की वाणी से ज्ञात  होता है।  इस कारण से भी इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता क्योंकि...