Mathura before corona lockdown -4(मथुरा-लॉक डाउन से पहले -4)
शिक्षा के क्षेत्र में भी यहाँ प्रगति हो रही थी। महाविद्यालय से लेकर निजी विश्वविद्यालय तक बहुत तेजी से विकसित हुए। संभावनाएं अब और भी बढ़ गयीं। मथुरा एजुकेशन हब के नाम से जाना जाना लगा। शिक्षार्थी भी यहाँ बहुतायत में आने लगे। गांव-गांव ,गली-गली तक शिक्षा के आधुनिक मंदिर पहुंच गए। कुछ आस्था , कुछ धर्म , कहीं शिक्षा., कहीं डर तो कहीं यूँ ही लोगों का सैलाब उमड़ने लगा। शहर की सड़कें ही नहीं अपितु यहाँ से निकलने वाले राजमार्ग भी भीड़ भरे हो गए। बाहरी लोगों को बस अपने सुख और सुविधा की ही सोच रहती, उनका किसी प्रकार से यहाँ के निवासियों या उनकी समस्याओं से दूर दूर तक कोई सरोकार नहीं था। अंगरेजी में "वीकेंड " कहे जाने वाले दो दिन यहाँ रहने वाले और आने वालों के साथ साथ प्रशासन के लिए भी नाक में दम करने वाले होते जा रहे थे। भले मानुष कुछ ऐसे गाइड और पण्डे जो बेचारे कुछ कमाने के लिए बाहर की गाड़ियों को अंदर के रास्ते से ले तो आते किन्तु कभी- कभी ये और भी समस्या...