Mathura before corona lockdown -5(मथुरा-लॉक डाउन से पहले -5)
वैश्विक प्रगति ने प्रकृति की आभा को ढक दिया। इसका प्रभाव सम्पूर्ण विश्व पर पड़ा , ब्रज क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहा, किन्तु स्थिति उन महानगरों से बेहतर थी जहाँ हवा प्राणवायु नहीं, गैस चैम्बर बनकर रह गयी थी। कहीं तक प्रदूषित वातावरण ने मनुष्य की सोच को भी प्रभावित कर दिया। जहाँ मानव बिना मानवता के मदमस्त घूम रहा था , कदाचित यहाँ कुछ बाकी था जिसने प्रेम और सहयोग लोगों में बनाये रखा। आत्म केंद्रित होते हुए भी सामजिक सक्रियता जारी थी। २ जी से ३ जी , ४ जी की यात्रा ने जीवनशैली को कब परिवर्तित किया हमें पता ही नहीं चला। मोबाइल पर भी राधे-राधे की रिंगटोन , रेडियो का ब्रजमाधुरी , हनुमान चालीसा ,भजन और कथा श्रवण का आनंद लेते ब्रजवासी, यूँ ही चबूतरे पर बैठे चार मित्र, अपने मूल से जुड़े होने का सन्देश अपनी नयी पीढ़ी समेत विश्व को देते रहे। नयी पीढ़ी , नयी सोच और हावी होती आधुनिकता ...