Mathura Before corona lockdown (मथुरा-लॉक डाउन से पहले)

श्री कृष्ण की नगरी मथुरा में सब कुछ प्राचीन काल से ही अद्भुत रहा है। यहाँ की उत्कृष्ट जीवन शैली और लोगों का आत्मविश्वास देखते ही बनता है। कोई भी आपदा यहाँ तक आते आते स्वयं ही ढेर हो जाती है। लोगों का आपसी प्रेम और बोली यहाँ का माधुर्य दिखाती है। सभी प्रसन्न और मस्त हैं। प्रभु दर्शन से दिन की शुरुआत करके सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं। खाने की इतनी विविधता कि नित्य नए पकवान भिन्न-भिन्न उत्सवों और ऋतुओं के हिसाब से दिखाई देते हैं। यूँ तो सप्ताह में सात दिन होते हैं किन्तु यहाँ के त्योहारों की गिनती सात दिनों में सात से भी ज्यादा हो जाती है। ये त्यौहार वे हैं जो मुख्य त्योहारों से अलग मनाये जाते हैं। होली और श्री कृष्ण जन्माष्टमी तो विश्व प्रसिद्द हैं। यमुना की अविरल धारा, वृन्दावन का एकांत , गोवेर्धन पर्वत , बरसाना ,गोकुल ,महावन सहित सम्पूर्ण ब्रज क्षेत्र लोगों को आकर्षित करता ही रहा है। निःस्वार्थ प्रेम औरसाधारण जीवन शैली यह...