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The Glorious History of Mathura: From Ancient Legends to Modern Pilgrimage ( मथुरा का गौरवपूर्ण इतिहास)

मथुरा का गौरवपूर्ण इतिहास प्रस्तावना  : यमुना के किनारे बसा ये मथुरा नगर प्राचीन, समृद्ध और महत्त्वपूर्ण है। आज भारतवर्ष के उत्तरप्रदेश राज्य का यह एक प्राचीनतम और पवित्र नगर है। मथुरा को भगवान श्री कृष्ण के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है जो लगभग पांच हजार वर्ष पूर्व हुआ था ऐसा वर्णित है। मथुरा का इतिहास 5000 वर्षों से अधिक पुराना है और यह आज भी करोड़ों भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। आज मथुरा जिस स्वरुप में है पहले ऐसा नहीं था।  हालाँकि यह कला, राजनीति, व्यापारिक और आध्यात्मिक रूप से प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण रहा है। हमारी पुरानी पोस्ट में भी बताया गया है कि मथुरा समय-समय पर विभिन्न साम्राज्यों का मुख्य राजनीतिक, कला एवं सांस्कृतिक केंद्र रहा है।  धार्मिक नगरी तो यह है ही किन्तु ऐतिहासिक रूप से अलग अलग समय पर कई घटनाओं का साक्षी भी रहा है।  वैदिक काल: आस्था की जड़ें मथुरा का उल्लेख  महाभारत ,  रामायण  और  पुराणों  जैसे ग्रंथों में मिलता है। इसे प्राचीन  सूरसेन राज्य  की राजधानी कहा गया है। यही वह पवित्र भूमि है जहा...

Mathura before corona lockdown -3 (मथुरा-लॉक डाउन से पहले -3)

कनिष्क के काल खंड की शिल्पकला का बड़ा केंद्र , ध्रुव और  नारद सहित अन्य ऋषियों की तपस्थली , आस्था का एक ऐतिहासिक नगर अब कथा वक्ताओं के उद्गम और विशिष्ट क्षेत्र के रूप में विख्यात हो गया।          आधुनिक भारत के विकास के साथ ही मथुरा भी औद्योगिक प्रगति की ओर बढ़ा जिसमें नवरत्नों में से एक मथुरा रिफाइनरी की स्थापना से मथुरा की छवि बदलने लगी। विकास और आधुनिकता की ओर  ये एक बड़ा कदम था।           मोबाइल और इंटरनेट क्रांति के साथ कई चीज़ों के अर्थ बदलने लगे।  भूमि-भवन की कीमतें अचानक आसमान छूने लगीं। लोगों को एक विशिष्ट कार्य मिल गया।  सफ़ेद कपड़े , सफ़ेद जूते , मोबाईल फ़ोन और जहाँ तहाँ पेट्रोल फूंकती दुपहिया और चौपहिया गाड़ियां, कहीं भी हाइवे पर खुले रेस्टोरेंट और ढावे, लम्बी प्रतीक्षा, मीटिंग झगडा करते लोग। खरीदार और भूमि विक्रेता जिनमें कोई भी नहीं, ये भी एक सफ़ेद कार्य था।             समय का बदलाव जारी रहा और ये सुखद समय भी जाने को तैयार था। ...