Mathura before corona lockdown-2 (मथुरा - लॉक डाउन से पहले -2)

प्राचीन परम्पराएं, अलग-अलग परिवेश और भिन्न-भिन्न आस्थाओं का केंद्र यह मथुरा अनेकों मतों की ऐतिहासिक विरासत को अपने में समाहित किये हुए है। बौद्धों का बड़ा शैक्षिक केंद्र, जैनियों के लिए अहिक्षेत्र जम्बूस्वामी की तपस्थली "चौरासी" के नाम से प्रसिद्ध एक बड़ा तीर्थस्थल , जिनके अवशेष आज भी मथुरा संग्रहालय में देखे जा सकते हैं। जहाँ तहाँ खुदाई में पुरानी मूर्तियां और उनके अवशेष आज भी मिलते हैं। मथुरा महात्मा गाँधी के स्वतंत्रता आंदोलन यात्रा में भी एक महत्वपूर्ण पड़ाव रहा। यहाँ गाँधी जी की कई महत्वपूर्ण यात्राएं रहीं जो कि मथुरा के इतिहास में अंकित हैं । वस्तुतः ब्रज क्षेत्र एक लम्बे समय तक अपनी शांति और एकांत को बनाये रहा। यहाँ पर समयानुसार श्रद्धालु वर्ष के भिन्न भिन्न समय अवधि में आते और यात्रा पूर्ण करके लौट जाते। ब्रज चौरासी कोस की यात्रा भी समय से संपन्न होती रही। प्रकृति और आध्यात्म का अद्भुत समागम विदेशियों को भी आकर्षित करने लगा और वृन्दावन में धीरे धीरे इनका आना लगा रहा। प्रभावि...