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Government Museum Mathura ( मथुरा का राजकीय संग्रहालय )

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मथुरा संग्रहालय: भारत की प्राचीन मूर्तिकला धरोहर का अद्भुत कोष  पावन नगरी मथुरा में स्थित राजकीय संग्रहालय  ( गवर्नमेंट म्यूज़ियम), मथुरा भारत के गौरवशाली अतीत का जीवंत दस्तावेज़ है। 1874 में अंग्रेज़ कलेक्टर सर एफ. एस. ग्राउस द्वारा स्थापित यह संग्रहालय प्राचीन भारतीय मूर्तिकला और पुरातात्विक धरोहर के सबसे समृद्ध संग्रहों में से एक है। एक संग्रहकर्ता के जुनून से जन्मा संग्रहालय सर ग्राउस, जो मथुरा जिले के तत्कालीन कलेक्टर थे, मथुरा की खुदाई में प्राप्त हो रही ऐतिहासिक वस्तुओं से अत्यधिक प्रभावित थे। उन्होंने इन्हें संरक्षित करने के उद्देश्य से संग्रहालय की नींव रखी, जिसे पहले कर्ज़न पुरातत्व संग्रहालय कहा जाता था। स्वतंत्रता के बाद इसे सरकारी संग्रहालय, मथुरा का नाम दिया गया। मथुरा: एक प्राचीन सभ्यता की भूमि प्राप्त एवं संगृहीत ज्ञात साक्ष्यों के अनुसार मथुरा का ऐतिहासिक महत्व 2500 वर्षों से भी अधिक पुराना है। यह नगर मौर्यकाल से लेकर कुषाण और गुप्तकाल तक राजनीतिक, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। यह न केवल हिन्दू धर्म का तीर्थ स्थल है, बल्कि जै...

The Glorious History of Mathura: From Ancient Legends to Modern Pilgrimage ( मथुरा का गौरवपूर्ण इतिहास)

मथुरा का गौरवपूर्ण इतिहास प्रस्तावना  : यमुना के किनारे बसा ये मथुरा नगर प्राचीन, समृद्ध और महत्त्वपूर्ण है। आज भारतवर्ष के उत्तरप्रदेश राज्य का यह एक प्राचीनतम और पवित्र नगर है। मथुरा को भगवान श्री कृष्ण के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है जो लगभग पांच हजार वर्ष पूर्व हुआ था ऐसा वर्णित है। मथुरा का इतिहास 5000 वर्षों से अधिक पुराना है और यह आज भी करोड़ों भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। आज मथुरा जिस स्वरुप में है पहले ऐसा नहीं था।  हालाँकि यह कला, राजनीति, व्यापारिक और आध्यात्मिक रूप से प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण रहा है। हमारी पुरानी पोस्ट में भी बताया गया है कि मथुरा समय-समय पर विभिन्न साम्राज्यों का मुख्य राजनीतिक, कला एवं सांस्कृतिक केंद्र रहा है।  धार्मिक नगरी तो यह है ही किन्तु ऐतिहासिक रूप से अलग अलग समय पर कई घटनाओं का साक्षी भी रहा है।  वैदिक काल: आस्था की जड़ें मथुरा का उल्लेख  महाभारत ,  रामायण  और  पुराणों  जैसे ग्रंथों में मिलता है। इसे प्राचीन  सूरसेन राज्य  की राजधानी कहा गया है। यही वह पवित्र भूमि है जहा...